यूं आशिकी में हर आशिक किस तरीके से । yoon aashikee mein har aashik kis tarah se. बेदर्द ने क्या दर्द दिया मैं कैसे कहूं इसको । समझ नहीं आता किससे कहूं क्या कहूं । । दर्द देने वाले ने बेरहम होकर । दर्द दिया इतना कि जालिम कभी सोच ना सके । । यूं आशिकी में हर आशिक किस तरीके से । मशरूफ हो जाता है कि दर्द बर्दाश्त करना सीख जाता है । । हम चाह कर भी नहीं चाहते किसी को । कमबखत उसकी निगाहों ने दीवाना बना दिया । । आशिकी में चूर हो इतना । लोगों ने पागल समझ कर घर से निकाल दिया । । हम चाहते नहीं किसी को अपना यह दर्द बयां करना । यू तुम्हारी निगाहों से देखकर दर्द बयां हो जाता है । । ना जाने दीवाने किसे कहते हैं दीवाने की । हम तो जहां तक छिड़कने को तैयार थे अगर वह हमारा होता । । तुम्हारी निगाहों के सहारे बीत रही थी । यह जिंदगी हमारी जब तक थी । । तुमसे आशिकी हुई हम क्या करें । हम लुट गए हैं जब से तुम से मिले हैं । । दिल की गहराई से सोचता हूं कभी-कभी । तुमसे ना मिला होता तो आज मैं ना जाने कहां होता । । यह जिंदगी भी कितनी अज...
यूं आशिकी में हर आशिक किस तरीके से । yoon aashikee mein har aashik kis tarah se. बेदर्द ने क्या दर्द दिया मैं कैसे कहूं इसको । समझ नहीं आता किससे कहूं क्या कहूं । । दर्द देने वाले ने बेरहम होकर । दर्द दिया इतना कि जालिम कभी सोच ना सके । । यूं आशिकी में हर आशिक किस तरीके से । मशरूफ हो जाता है कि दर्द बर्दाश्त करना सीख जाता है । । हम चाह कर भी नहीं चाहते किसी को । कमबखत उसकी निगाहों ने दीवाना बना दिया । । आशिकी में चूर हो इतना । लोगों ने पागल समझ कर घर से निकाल दिया । । हम चाहते नहीं किसी को अपना यह दर्द बयां करना । यू तुम्हारी निगाहों से देखकर दर्द बयां हो जाता है । । ना जाने दीवाने किसे कहते हैं दीवाने की । हम तो जहां तक छिड़कने को तैयार थे अगर वह हमारा होता । । तुम्हारी निगाहों के सहारे बीत रही थी । यह जिंदगी हमारी जब तक थी । । तुमसे आशिकी हुई हम क्या करें । हम लुट गए हैं जब से तुम से मिले हैं । । दिल की गहराई से सोचता हूं कभी-कभी । तुमसे ना मिला होता तो आज मैं ना जाने कहां होता । । यह जिंदगी भी कितनी अज...