तेरे बिना दिल पर क्या गुजरी तू क्या जाने ।
तेरे बिना दिल पर क्या गुजरी तू क्या जाने ।
कहां-कहां भटके तेरी मोहब्बत को तो क्या जान है । ।
आखिर हम तुम्हारे हैं किसी और के नहीं ।
यू ना चले फिर कहीं और ना जाया करो मेरे से । ।
तुम मुझे देख कर मुस्कुराया कर ।
मेरी निगाहें तुझे ही ढूंढती है हर जगह । ।
चाह कर भी मैं कहीं बड़ा नहीं पाता ।
आशिकी में चूर हूं तुम्हारे लिए । ।
आपकी मोहब्बत ने दीवाना कर दिया ।
हम भी चीज थे बहुत कमाल के । ।
तुझे देखा तो ऐसा लगा कि ।
मुझे मेरी जिंदगी मिल गई । ।
क्या बताऊं जब तुम मुझसे बातें नहीं किया करती थी ।
सारी दुनिया एक तरफ और खुद को अकेला समझता था ।
तुम्हारा मुस्कुराना किसी और को देखकर ।
मेरा दिल को छलनी कर जाता था । ।
सूट और चुन्नी में क्या लगती हो तुम ।
ऊपर से तुम्हारी पतली कमर क्या खूबसूरत लगती हो तुम । ।
कोशिशों के बाद आज ।
तुमने मेरी ओर देखा । ।
तेरे दो लफ्जों की मीठी बोली सुन कर ।
मैं हुआ दीवाना तेरी मोहब्बत में । ।
मैं आशिक नहीं बना कर ।
दीवाना तुम्हारा हो गया । ।
सर्दियों का मौसम है ठंडी हवाएं है ।
तुम्हारा कोमल हाथों का एहसास बाकी है । ।
न जाने क्यों यह दूरियां अब बर्दाश्त नहीं होती ।
तुम्हारी मोहब्बत का इजहार सुनने को जी चाहता है । ।
लाख कोशिश कर ली मैंने तुम्हारे करीब जाने का ।
कमबख्त यह सर्दियां खत्म नहीं होती । ।
जान क्यों तेरी तलाश रहती है मुझे ।
हर जगह ढूंढता हूं तुम्हें । ।
कैसे कहूं वह कहानी अपनी दीवानगी की ।
सारे लोग खिलाफ थे मेरे तुम सिर्फ मेरी थी । ।
तेरे लिए क्या कुछ नहीं किया हमने ।
फिर भी तुझे अपना ना बना सका । ।
- आगे और भी बहुत सारी ऐसी गजलें हैं जो बाकी है हमारे दिल की गहराई से हम कहते रहेंगे और लिखते रहेंगे कोई रोकने वाला नहीं है यहां पर मोहब्बत ना रही अलग बात है पर हम हैं और हमारी दीवानगी आज भी जिंदा है बस इसलिए हम लिखेंगे दिल खोल के लिखेंगे पढ़ने वाले दिल टूटे हैं या जुड़े हैं पढ़ने वाले पड़ेगी धन्यवाद आप सभी का आप लोगों की वजह से ही मत है मैं लिखता रहूंगा धन्यवाद ।
Comments
Post a Comment